विराट कोहली अपने करियर के सबसे बेहतरीन दौर से गुजर रहे हैं। पुणे टेस्ट में हारने से पहले विराट की सेना विजय रथ पर सवार थे, उनकी कप्तानी में 19 टेस्ट में से टीम इंडिया को 17 में जीत मिली, जबकि 2 ड्रॉ रहे। आने वाले समय में विराट भले ही भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान बन जाएं लेकिन अब वह बतौर कप्तान धोनी के एक रिकॉर्ड की बराबरी कभी नहीं कर पाएंगे। पुणे में हार के बाद उनके हाथ से यह मौका निकल गया।
कंगारुओं से घर पर कभी नहीं हारे धोनी
धोनी ने साल 2008 में टेस्ट टीम की कमान संभालने के बाद से साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर पर एक भी मैच नहीं हारे। पुणे में हार ने इस संभावना को पूरी तरह खत्म कर दिया।
धोनी की कप्तानी में 2008-09 की सीरीज में टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-0 से जीत मिली। इसके बाद साल 2010-11 में भी टीम इंडिया 2-0 के अंतर से सीरीज में विजयी हुई। साल 2012-13 में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी कप्तानी में घर पर 4-0 से सूपड़ा साफ कर दिया। जिसमें चेन्नई टेस्ट में दोहरा शतक जड़कर धोनी ने अकेल के दम पर कंगारुओं को बैकफुट पर ढकेल दिया था।
एक रिकॉर्ड बचाने का अभी भी है मौका
ऑस्ट्रेलिया के हाथों घरेलू धरती पर टेस्ट मैच न हारने का रिकॉर्ड तो विराट के हाथ से निकल चुका है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया से घर पर कभी सीरीज नहीं हारने के धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका बाकी है। विराट सीरीज के बाकी बचे 3 मैचों में जीत दर्ज कर ऐसा कर सकते हैं।
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