Case Transaction : New Rules Declare For Case Transaction
नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी समस्या से डिजिटल पेमेंट की तेज हुई रफ्तार अचानक अब मंद पड़ने लगी है। ऐसे में सरकार आगामी बजट में कैश ट्रांजैक्शन को हतोत्साहित करने के लिए कुछ कठोर कदम उठा सकती है। सूत्रों की मानें तो पैन नंबर मुहैया कराने के लिहाज से नकदी लेन-देन की सीमा में बहुत बड़ी कटौती हो सकती है। अभी यह सीमा 50,000 रुपये की है जिसे घटाकर 30,000 रुपये तक लाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, कारोबारी लेन-देन के लिए भी पैन कार्ड डीटेल्स देने का मापदंड थोड़ा बदला जा सकता है और अब कम नकदी लेन-देन पर भी पैन कार्ड देने आवश्यक होंगे।
इनके अलावा, सरकार खास सीमा के नकदी पेमेंट्स के ऊपर कैश-हैंडलिंग चार्जेज भी लगा सकती है। इन कदमों से नकदी लेन-देन को कम करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने का सरकारी अभियान परवान चढ़ सकता है। दरअसल, चिंता इस बात की है कि अब बैंकों और एटीएमों से कैश निकालने की सीमा बढ़ने के बाद नकदी संकट खत्म होने से देश में नोटबंदी से पहले का लेन-देन का तरीका ही कहि हावी न हो जाए।
बहरहाल, कैश पेमेंट्स रोकने की दिशा में ये फैसले इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि सिर्फ विभिन्न मोबाइल ऐप्लिकेशनों और पीओएस मशीनों के भरोसे देश में डिजिटल पेमेंट की क्रांति लाना सम्भव नही है। इसकी कई वजहें हैं, जिनमें एक है- लोगों का इस दिशा में बहुत उत्साहित नहीं होना क्योंकि देश की बहुत बड़ी आबादी को टेक्नॉलजी पूरी की समझ नहीं है। इधर, घटिया इंटरनेट स्पीड और डिजिटल पेमेंट का कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर भी लोगों को नकदी लेन-देन करने पर मजबूर कर रहे है।
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